महाकुंभ में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर साध्वी के रूप में हर्षा रिछारिया, बोलीं-सुकून की तलाश

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प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन  3.5 करोड़ से ज्यादा भक्तों ने डूबकी लगाई। वहीं कुंभ में टेक से लेकर ग्लैमरस की दुनिया से जुड़ीं हस्तियां आस्था में डुबी हुई हैं।

रील्स की दुनिया में कुंभ से एक वीडियो साध्वी हर्षा रिछारिया का सामने आया है। जिसमें गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला और ललाट पर तिलक लगाए दिख रही हैं। उन्होंने बताया, “मैं उत्तराखंड से हूं और आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हूं। उन्होंने कहा, “मैंने जो कुछ भी करने की जरूरत थी, उसे पीछे छोड़ दिया और इस मार्ग को अपनाया।

महाकुंभ में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर साध्वी के रूप में हर्षा रिछारिया।

हर्षा ने बताया- भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं है। उन्होंने अपनी पुरानी तस्वीरों के बारे में भी स्पष्ट किया कि अगर वह चाहती तो उन्हें डिलीट कर सकती थीं। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनका कहना है कि “यह मेरी यात्रा है और मैं युवाओं को बताना चाहती हूं कि किसी भी मार्ग से आप भगवान की ओर बढ़ सकते हैं।”

सुकून की तलाश में यह जीवन चुना

हर्षा ने कहा कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया जो मुझे आकर्षित करता था। मैं सबकुछ छोड़कर ही संन्यास की राह में आई हूं। उन्होंने बताया कि वह उत्तराखंड से हैं और दो साल पहले संन्यास लिया था।

मैंने जो कुछ भी करने की ज़रूरत थी, उसे पीछे छोड़ दिया और इस मार्ग को अपनाया। मैंने आंतरिक शांति के लिए साध्वी का जीवन चुना।” उन्होंने आगे बताया कि वह 30 साल की हैं। हालांकि वह कह रही हैं कि मैंने कभी नहीं कहा कि मैं साध्वी बन गई हूं।

कौन हैं साध्वी हर्षा रिछारिया

साध्वी का नाम हर्षा रिछारिया है, जो निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं। वह खुद को एक साध्वी के साथ-साथ सोशल एक्टिविस्ट और इन्फ्लुएंसर भी मानती हैं। हर्षा ने अपने जीवन का सब कुछ त्याग कर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंदगिरी महाराज की शिष्या बनकर उनके मार्गदर्शन में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। साध्वी हर्षा रिछारिया उत्तराखंड में रहती हैं, जबकि उनका मूल घर मध्य प्रदेश के भोपाल में है।

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