महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर 3.5 करोड़ ने डुबकी लगाई; सड़कों पर लोगों का डेरा

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महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में मंगलवार को 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। शाही स्नान सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला। इस दौरान जूना अखाड़ा समेत सभी 13 अखाड़ों के संतों ने स्नान किया।

प्रयागराज एक दिन के लिए विश्व की सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन गया। एक दिन के लिए प्रयागराज की आबादी 4 करोड़ पार कर गई। मकर संक्रांति पर यहां 3.50 करोड़ लोगों ने स्नान किया। जिले की आबादी करीब 70 लाख जोड़ ली जाए तो प्रयागराज में एक दिन की जनसंख्या 4.20 करोड़ हो गई।

अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।

स्नान के बाद लोगों ने प्रयागराज से लौटना शुरू कर दिया है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी भीड़ देखी गई। प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं बची। लोगों को हॉल में रोका गया।

ट्रेनों के हिसाब से ही प्लेटफार्म पर भेजा जा रहा। रेलवे के PRO अमित सिंह ने बताया कि आज सुबह से अब तक 55 महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें रवाना की हैं।

रैन बसेरे, होटल फुल

जब लोगों को लगा कि उनका प्रयागराज से आज निकलना मुमकिन नहीं है, तो उन्होंने रैन बसेरों का रुख किया। लेकिन, सभी रैन बसेरे फुल हो चुके हैं। हजारों की संख्या में लोग होटल, रैन बसेरा के सामने देखे गए। लोगों ने सड़कों पर ही अपना डेरा जमा लिया है।

सोमवार को पहले स्नान पौष पूर्णिमा पर 1.65 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी। मंगलवार को 3.5 करोड़ लोगों ने संगम में स्नान किया। इस तरह 2 दिनों में कुल 5.15 करोड़ लोग संगम में स्नान कर चुके हैं।

 हर-हर महादेव का संतों ने लगाया जयकारा

सुबह 6 बजे अमृत स्नान का अद्भुत दृश्य था। हाथों में तलवार-त्रिशूल और डमरू लिए संन्यासी हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए घाटों पर पहुंचे। महाकुंभ में पहली बार शाही स्नान की जगह अमृत स्नान शब्द का इस्तेमाल किया गया। अखाड़ों ने नाम बदलने का प्रस्ताव दिया था।

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